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भारत-न्यूजीलैंड संबंधों में बढ़ता भरोसा, प्रवासी भारतीयों ने बताई तकनीक और पर्यटन में बड़ी संभावनाएं

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व्यापार: भारत और न्यूजीलैंड के बीच आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए पर्यटन, शिक्षा, डिजिटल टेक्नोलॉजी और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में बड़े अवसर मौजूद हैं। ऑकलैंड में भारतीय प्रवासी समुदाय का यह कहना है। भारत न्यूजीलैंड में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। 

एफटीए के क्रियान्वयन से द्विपक्षीय व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के क्रियान्वयन से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को भारी बढ़ावा मिलेगा। यह वर्तमान में लगभग 1.4 अरब डॉलर है। बता दें कि दोनों देश व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने के लिए व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है।

दोनों देशों के बीच मिलकर काम करने के आपार अवसर होंगे पैदा 
वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की हाल की ऑकलैंड और रोटोरुआ यात्रा से व्यापार वार्ता को काफी प्रोत्साहन मिला है। ऑकलैंड स्थित कंप्यूटर इंजीनियर रानी सिंह ने कहा कि मैं दोनों देशों के बीच मिलकर काम करने के लिए अपार अवसर देखती हूं, न केवल व्यापार में, बल्कि शिक्षा, पर्यटन और प्रीमियम पेय पदार्थ व प्रौद्योगिकी जैसे नवाचार-संचालित उद्योगों जैसे दीर्घकालिक संबंध बनाने वाले क्षेत्रों में भी।

उन्होंने कहा कि दोनों देश डिजिटल प्रौद्योगिकी, एआई और साइबर सुरक्षा में सहयोग से भी लाभ उठा सकते हैं। सिंह ने कहा कि इन क्षेत्रों में जहां भारत के पास व्यापकता और प्रतिभा है। वहीं न्यूजीलैंड नवाचार और मजबूत अनुसंधान वातावरण प्रदान करता है।

दोनों देश मिलकर वैश्विक चुनौतियां का सामना करेंगे
उन्होंने आगे कहा कि हमें विश्वविद्यालयों और तकनीकी कंपनियों के बीच संयुक्त तकनीकी शिक्षा कार्यक्रमों, ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों और छात्र आदान-प्रदान के अवसरों को प्रोत्साहित करना चाहिए। इस तरह के सहयोग दोनों देशों के छात्रों को वैश्विक चुनौतियों का मिलकर सामना करने के लिए तैयार करेंगे।

भारतीय पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने पर्यटन क्षेत्र के रास्ते खोले
इसी तरह के विचार साझा करते हुए प्रबंधन पेशेवर अजितेश शेखर ने कहा कि एयर सर्विसेज एग्रीमेंट के अपडेट और न्यूजीलैंड आने वाले भारतीय पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने पर्यटन क्षेत्र में गहरे सहयोग के नए रास्ते खोले हैं। उन्होंने कहा कि सीधी हवाई कनेक्टिविटी, सुगम वीजा प्रक्रिया और साझा ब्रांडिंग से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय पर्यटन को मजबूती मिल सकती है। शेखर ने यह भी जोड़ा कि मादक पेय पदार्थ क्षेत्र, भले ही सीमित दायरे का हो, लेकिन दोनों देशों के बीच उच्च मूल्य का सहयोग प्रदान करता है।

न्यूजीलैंड में तीन लाख से ज्यादा है भारतीय प्रवासी
न्यूजीलैंड में मौजूद प्रमुख भारतीय कंपनियों में एचसीएल, महिंद्रा मोटर्स, टेक महिंद्रा लिमिटेड, टीसीएस, इंफोसिस, डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज और रॉयल एनफील्ड मोटर्स शामिल हैं। न्यूजीलैंड में तीन लाख से ज्यादा भारतीय प्रवासी हैं। अनुमान है कि लगभग 70,000 लोगों के पास भारतीय पासपोर्ट है और हिंदी उस देश में पांचवीं सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।

प्रवासी भारतीय मुख्य रूप से डॉक्टर, प्रोफेसर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंप्यूटर विशेषज्ञ जैसे व्यावसायिक कार्यों में संलग्न हैं। सभी प्रमुख शहरों में भारतीय संघ हैं, जो समुदाय को अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोने में मदद करते हैं।

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